हर शरीर का अपना दोष होता है – वात, पित्त, कफ। बिना जाने डिटॉक्स करना उल्टा असर कर सकता है।
यह शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है, लेकिन संतुलन बिगड़ जाए तो नुकसान भी होता है।
वात प्रकृति वालों का पाचन धीमा होता है, ठंडा डिटॉक्स उन्हें और कमजोर कर सकता है।
पित्त शरीर में पहले से ही गर्मी बढ़ाता है, ऐसे में हल्दी, नींबू जैसे तेज चीज़ें उल्टा असर करेंगी।
कफ से शरीर में भारीपन आता है, और मीठे फल इसे और बढ़ा सकते हैं।
त्रिदोष जाँच आयुर्वेदिक प्रश्नों, नाड़ी परीक्षण और जीवनशैली से की जाती है।
कमज़ोरी, चक्कर, दस्त, मुँहासे, पेट की जलन – यह सब संकेत हो सकते हैं।
अपने दोष के अनुसार डिटॉक्स प्लान चुनें – आयुर्वेदिक सलाह के साथ।
पानी में धनिया, सौंफ, आंवला या बेल मिलाकर अपने अनुसार लें।
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