घी और बवासीर का संबंध – आयुर्वेदाचार्य की सलाह क्या कहती है? 

आयुर्वेद में घी को औषधि माना गया है, लेकिन हर परिस्थिति में नहीं। 

घी की प्रकृति क्या होती है? 

घी की तासीर ठंडी और पोषण देने वाली होती है, जो आंतरिक सूजन में राहत देती है। 

बवासीर क्या है? 

बवासीर में मलद्वार के आसपास सूजन, जलन और रक्तस्राव हो सकता है। 

क्या घी बवासीर में लाभ देता है? 

हाँ, सही मात्रा में देसी गाय का घी आंतरिक सूजन और जलन में राहत दे सकता है। 

बवासीर में घी का उपयोग कैसे करें? 

1 छोटा चम्मच घी खाली पेट गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है (वैद्य की सलाह लें)। 

बाहरी उपयोग में भी लाभकारी 

घी को गुनगुना करके बाहरी रूप से लगाने से जलन और खुजली में राहत मिल सकती है। 

किन हालात में घी से बचें? 

अगर बवासीर में अधिक रक्तस्राव या संक्रामण है, तो बिना सलाह के घी न लें। 

क्या हर घी फायदेमंद है? 

नहीं! केवल शुद्ध देसी गाय का घी ही औषधीय रूप से उपयोगी है। पैकेज्ड घी से बचें। 

क्या डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है? 

बिलकुल! हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है – वैद्य या विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी है। 

सही सलाह लेकर ही घी का सेवन करें! 

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