आयुर्वेद में घी को औषधि माना गया है, लेकिन हर परिस्थिति में नहीं।
घी की तासीर ठंडी और पोषण देने वाली होती है, जो आंतरिक सूजन में राहत देती है।
बवासीर में मलद्वार के आसपास सूजन, जलन और रक्तस्राव हो सकता है।
हाँ, सही मात्रा में देसी गाय का घी आंतरिक सूजन और जलन में राहत दे सकता है।
1 छोटा चम्मच घी खाली पेट गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है (वैद्य की सलाह लें)।
घी को गुनगुना करके बाहरी रूप से लगाने से जलन और खुजली में राहत मिल सकती है।
अगर बवासीर में अधिक रक्तस्राव या संक्रामण है, तो बिना सलाह के घी न लें।
नहीं! केवल शुद्ध देसी गाय का घी ही औषधीय रूप से उपयोगी है। पैकेज्ड घी से बचें।
बिलकुल! हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है – वैद्य या विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी है।
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