पहले मैं हमेशा थका हुआ चिड़चिड़ी और खोई-खोई मे रहता था । ध्यान टिकता ही नहीं था!
फिर माँ ने कहा – "ध्यान कोई चमत्कार नहीं… बस आदतें बदलो,असर खुद दिखेगा।"
"सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पीओ।" इससे शरीर और दिमाग दोनों एक्टिव होते हैं।
"फिर 5 मिनट आँखें बंद करके बैठो।" कोई फोन नहीं, कोई शोर नहीं – बस खुद से जुड़ो।
"हर दिन कम से कम 15 मिनट बिना मोबाइल के बैठो।" सिर्फ अपनी साँसों को महसूस करो।
ये छोटा-सा अभ्यास मेरे ध्यान को हर दिन थोड़ा और मज़बूत करता गया।
माँ की तीसरी बात रात को सोने से पहले 3 अच्छी बातें लिखो जो आज हुईं।" इससे दिमाग पॉज़िटिव बनता है।
मैंने 21 दिन तक ये तीनों बातें रोज़ कीं। और सच मानो, मैं खुद को पहचान नहीं पा रही थी!
अब मन शांत है, ध्यान मजबूत है, और चेहरे पर नई चमक है। लोग पूछते हैं – "तू इतनी पॉज़िटिव कैसे?
माँ की बातें कोई जादू से कम नहीं! अगर तुम भी ध्यान बढ़ाना चाहते हो, तो इन्हें अपनाओ आज से!
सिर्फ 3 बातें… और मेरी पूरी सोच बदल गई – ये तुम्हारे साथ भी हो सकता है!