क्या आप भी चाहते हैं कि पढ़ाई करते समय दिमाग ऐसा चले जैसे रॉकेट?
जो पढ़ा, वो याद रहे… और जो याद रहा, वो ज़िंदगी बदल दे।
पर असलियत क्या है?
ज़्यादातर माँ-बाप एक ही बात कहते हैं – “बच्चा मेहनत तो करता है, पर कुछ याद ही नहीं रख पाता…”
अब बताइए, जब बच्चा घंटों पढ़े और फिर भी रिज़ल्ट ढीला हो, तो उसे क्या महसूस होता होगा?
👉 आत्मविश्वास टूटता है
👉 टीचर डाँटता है
👉 माँ-बाप निराश होते हैं
और बच्चा अंदर से खाली महसूस करने लगता है।
लेकिन क्या इसका हल है?
हाँ… और वो सिर्फ बाज़ार की गोली-शराब नहीं है।
इस लेख में हम बात करेंगे उन 5 चीज़ों की,
जो IIT के टॉपर्स भी चुपचाप अपनी डाइट में लेते हैं —
बिना दिखावे के, बिना शोर के।
साथ ही बताएंगे:
✔ वो घरेलू उपाय जो दादी माँ बताती थीं
✔ दोष अनुसार आहार जो दिमाग के साथ-साथ शरीर को भी तेज बनाता है
✔ और एक Free Tridosh Report, जो बताती है कि आपके बच्चे का दिमाग धीमा क्यों हो रहा है
👉 NIMHANS की एक रिपोर्ट कहती है — “गलत खानपान से दिमाग सुस्त और भावनाएँ अशांत हो जाती हैं।”
आगे आप जानेंगे
Toggle👣 पर सबसे पहले एक काम ज़रूर करिए —
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क्योंकि जब तक आपको पता ही नहीं कि कौन-सा दोष बढ़ा है, तब तक हर उपाय अधूरा रहेगा।
🔷 एक सच्ची कहानी – “मेरे बेटे की याददाश्त कमजोर क्यों हो रही थी?
आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति में तीन दोष होते हैं – वात, पित्त और कफ। इस सरल ऑनलाइन टेस्ट से जानें कि आपका प्रमुख दोष कौन सा है और उसे संतुलित कैसे रखें।
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रीना देवी, जयपुर की एक सीधी-सादी माँ हैं।
उनका बेटा यश क्लास 8 में पढ़ता है। सुबह 6 बजे उठकर स्कूल, फिर ट्यूशन, फिर खुद से पढ़ाई… सब करता था। पर जब रिज़ल्ट आया, तो नंबर औसत से भी नीचे थे।
रीना जी परेशान हो गईं। “इतना पढ़ता है फिर भी याद क्यों नहीं रख पाता?”
वो कभी बादाम बढ़ा देतीं, कभी च्यवनप्राश…
लेकिन कुछ भी असर नहीं हुआ।
फिर एक दिन उन्होंने Panchtatvam पर एक बात पढ़ी —
👉 “हर बच्चे का दिमाग धीमा नहीं होता, कभी-कभी दोष तेज़ी को बाँध देता है।”
बस, उन्होंने यश के लिए Free Tridosh Report निकाली।
रिपोर्ट में साफ लिखा था – वात दोष असंतुलन है।
यानी — दिमाग में हलचल ज़्यादा, स्थिरता कम।
फिर उन्होंने तीन आसान बदलाव किए:
- सुबह-सुबह देशी गाय का एक चम्मच घी
- रात को ब्राह्मी और शंखपुष्पी का चूर्ण गुनगुने दूध में
- और हर सुबह नाक में दो बूंद Pranasya Nasya
पहले 7 दिन में ही असर दिखने लगा।
21 दिन बाद तो टीचर ने खुद कहा – “यश अब क्लास में शांत भी है, और एक्टिव भी।“
रीना जी कहती हैं –
“पहले मैं बस याददाश्त बढ़ाना चाहती थी, अब मुझे समझ आया कि असली जड़ दोष में थी।“
👉 आप भी चाहें तो Pranasya Nasya के बारे में पढ़ सकते हैं – ये सिर्फ नस्य नहीं, इंद्रियों का पोषण है।
👉 यह भी पढ़ें- क्या हर सुबह सिरदर्द सामान्य है? जानिए इसका छिपा हुआ कारण!
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🔷 पढ़ाई में दिमाग तेज करने के लिए क्या खाना चाहिए? 🔍

पढ़ाई में दिमाग तेज करने के लिए क्या खाना चाहिए?
ये सवाल जितना सीधा दिखता है, अंदर से उतना ही गहरा है।
क्योंकि दिमाग का मामला सिर्फ याद करने का नहीं, पूरे शरीर और मन के संतुलन का होता है।
अक्सर लोग बोलते हैं –
“बादाम खिला दो, च्यवनप्राश खिला दो, दिमाग तेज़ हो जाएगा।“
लेकिन असल बात कोई नहीं समझता – “जब तक शरीर के दोष (वात, पित्त, कफ) संतुलित नहीं होंगे, दिमाग कभी धार नहीं पकड़ेगा।”
👉 याददाश्त कमजोर है? हो सकता है वात दोष ज़्यादा है – जिससे मन उड़ता रहता है, ध्यान नहीं टिकता।
👉 हर बात पर चिढ़ते हो? शायद पित्त दोष बढ़ा है – सोच में जलन, धैर्य कम।
👉 पढ़ते-पढ़ते नींद आती है? तो भाई कफ दोष जिम्मेदार है – भारीपन और सुस्ती की जड़ वही है।
अब सवाल ये नहीं कि क्या खाना चाहिए,
असल सवाल है – आपका शरीर क्या पचा सकता है? और क्या आपके दोषों को संतुलन दे सकता है?
👉 इसीलिए, पहला और सबसे जरूरी कदम है:
Free Tridosh Report लेना —
जिससे पता चले कि असली रुकावट कहाँ है। फिर उसके अनुसार ही आहार और उपाय अपनाना।
👉 यह भी पढ़ें- माइग्रेन का दौरा शुरू होने से पहले शरीर क्या संकेत देता है?

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जो न टीवी में आते हैं, न महंगे पैकेट में, पर असर में कमाल के होते हैं।
रीना जी कहती हैं –
“मैंने बादाम से ज़्यादा भरोसा घी और ध्यान पर किया, और फर्क खुद देखा।“
तो क्या करें रोज़ाना?
• सुबह-सुबह उठते ही – 4 भीगे बादाम और 1 अखरोट, खूब चबाकर
• ब्राह्मी घृत – एक चम्मच देशी गाय के दूध में मिलाकर, रोज सुबह
• रोटी पर थोड़ा गाय का घी – लंच-डिनर में
• दोपहर में 10 मिनट आँख बंद करके “ॐ” का गूंज करता ध्यान — इससे दिमाग की तरंगें शांत होती हैं
• और सबसे अनदेखा उपाय –
नाक में दो बूंद Pranasya नस्य
👉 यहाँ इसके बारे में विस्तार से पढ़ें
👉 यह भी पढ़ें- कौन सा फल खाने से दिमाग तेज होता है? मैंने आज़माया, 7 दिन में फर्क दिखा!
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🔷 दिमाग तेज करने के लिए क्या करना चाहिए? (युवाओं के लिए)
अब भाई बात सिर्फ खाने की नहीं है,
दिमाग तेज करने के लिए “जीने का तरीका” भी तेज और संतुलित होना चाहिए।
आजकल हम सब कुछ करते हैं – कोचिंग, YouTube क्लास, नोट्स बनाना…
पर नींद? ध्यान? खुद से बात करना?
ये सब हाशिये पर चला गया है।
👉 नींद पूरी नहीं होगी, तो दिमाग थका–थका रहेगा।
रात को 7 घंटे की गहरी नींद और दोपहर में 20 मिनट की पॉवर नैप – दिमाग के लिए संजीवनी है।
और अगर नींद में खर्राटे आते हैं या सुबह थकान लगती है, तो ज़रूर ये घरेलू नुस्खे आजमाइए।
दूसरी बात –
मन को फ्री रखना भी दिमाग की स्पीड से जुड़ा होता है।
हर दिन 10 मिनट अकेले बैठिए, आंख बंद कीजिए… और गहरी साँसों के साथ बस “ॐ” कहिए।
या फिर 5 लाइन जर्नलिंग – जो दिमाग में है, उसे कागज़ पर उतार दीजिए।
👉 और हाँ, Mindfulness अगर सही तरीके से नहीं किया, तो उसका असर भी नहीं मिलेगा। ये गाइड देखिए, बहुत सरल भाषा में सब बताया है।
👉 यह भी पढ़ें- माइंडफुलनेस मेडिटेशन कैसे करें? 90% लोग इस एक गलती से नहीं कर पाते असर महसूस
"NEET की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन कुछ महीनों से ध्यान भटकता था, याद किया हुआ जल्दी भूल जाता था और पढ़ते-पढ़ते नींद सी आने लगती थी। मुझे लगने लगा था कि शायद मेरी मेहनत ही कम है।"
तभी मम्मी ने Free Tridosh Report निकलवाई। पता चला – कफ दोष और वायु दोष दोनों असंतुलन में थे, और यही कारण था – मानसिक धुंध, सुस्ती और भूलने की आदत का।
फिर मैंने डाइट में बदलाव किए – हर सुबह अखरोट + गाय का घी + पंचगव्य घृत लेना शुरू किया और दिन में तुलसी व शंखपुष्पी वाली आयुर्वेदिक चाय। साथ ही रोज 10 मिनट प्राणायाम। केवल 15 दिनों में ही महसूस हुआ कि दिमाग हल्का और स्पष्ट सोचने लगा।
अब मैं त्रिदोष समाधान पैकेज से पूरा रूटीन फॉलो कर रहा हूं। पढ़ाई में अब ज़्यादा देर तक फोकस बना रहता है और रिवीजन बार-बार करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।"
🧠 — सही आहार और संतुलन से ही तेज दिमाग की नींव बनती है।
→ पता करें: क्या आपकी पढ़ाई में बाधा दोष असंतुलन से जुड़ी है?
🔷 ये 5 चीज़ें जो IIT टॉपर्स रोज खाते हैं

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IIT टॉपर बनने के लिए सिर्फ किताबें नहीं चबानी पड़तीं, दिमाग को पोषण भी देना पड़ता है — वो भी सही चीज़ों से।
ज़्यादातर टॉपर्स एक चीज़ समझ चुके होते हैं —
“जब तक दिमाग शांत और स्मृति पुष्ट नहीं होगी, तब तक रट्टा भी बेअसर रहेगा।”
तो आइए देखिए वो 5 चीज़ें जो कई टॉपर्स और स्कॉलर बच्चों की रोज की थाली में होती हैं (चुपचाप):
- भीगे हुए बादाम + अखरोट – सुबह खाली पेट चबाकर खाइए, दिमाग की नसें खुलने लगती हैं। ये सिर्फ मेवा नहीं, ब्रेन टॉनिक हैं।
- गाय का देसी घी (1-2 चम्मच रोज) – कभी रोटी पर, कभी दूध में, कभी ब्राह्मी के साथ। ये दिमाग को स्निग्ध बनाता है, जैसे पुराने दरवाज़े को तेल लगाना।
- ब्राह्मी और शंखपुष्पी चूर्ण – रात को दूध में मिलाकर, या दिन में एक बार — ये सिर्फ जड़ी–बूटियाँ नहीं, स्मृति की माँ हैं।
- घोलकर लिया गया देशी गौमूत्र अर्क – थोड़ी मात्रा, निर्देशानुसार — यह वात–पित्त का संतुलन ऐसे करता है जैसे कोई अंदर से सफाई कर रहा हो।
👉 यहाँ देखें – गौ आधारित समाधान और मार्गदर्शन - रात में गुनगुना हल्दी दूध – नींद, स्मृति और मानसिक शांति — तीनों एक साथ मिलती हैं। हल्दी सिर्फ एंटीबायोटिक नहीं, मस्तिष्क–रक्षक है।
✔ इन सबका आधार है – “त्रिदोष संतुलन” और “स्मृति पोषण”, ना कि सिर्फ कैलोरी और प्रोटीन।
👉 यह भी पढ़ें- यदि खर्राटे आपकी नींद हराम कर रहे हैं, तो अपनाएँ ये तीन सरल उपाय!
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हर शरीर अलग होता है, और त्रिदोष असंतुलन की जड़ें भी अलग-अलग हो सकती हैं। अगर आप चाहते हैं:
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- 15 दिन का निजी खानपान और दिनचर्या प्लान
- आपके दोष के अनुसार जड़ी-बूटी और उपाय
...तो यह समाधान विशेष रूप से आपके लिए है। सीमित स्लॉट्स — जल्दी जुड़ें।
📞 व्यक्तिगत परामर्श प्राप्त करें🔷 योग और प्राणायाम से स्मृति शक्ति में सुधार

दिमाग का सीधा रिश्ता साँसों और ध्यान से है।
अगर आपका बच्चा, या आप खुद हर दिन 10-15 मिनट सही योग और प्राणायाम करें, तो स्मृति शक्ति चुपचाप तेज़ होने लगती है।
👉 नाड़ी शुद्धि प्राणायाम – नाम जितना भारी लगे, असर उतना ही हल्का और गहरा होता है। इससे तीनों दोष – वात, पित्त, कफ – संतुलित होने लगते हैं।
👉 ब्रह्मरी प्राणायाम – भौंरों जैसी गूंज जब अंदर फैलती है, तो मन शांत होता है, ध्यान बढ़ता है, और याददाश्त भी मजबूत होती है।
👉 त्राटक ध्यान – एक छोटी-सी लौ को देखकर एकटक बैठने से आँखों की शक्ति और फोकस दोनों बढ़ते हैं। शुरुआत में मुश्किल लगता है, लेकिन 3 दिन में फर्क साफ महसूस होने लगता है।
🚩 एक बात हमेशा याद रखें –
योग किताबों से नहीं, अनुभव से सीखा जाता है।
👉 इसलिए अगर आपको मार्गदर्शन चाहिए, तो इस देसी योग समुदाय से जुड़ सकते हैं – यहाँ कोई दिखावा नहीं, बस सेवा और सच्ची सलाह है।
आपने अपने दोष का विश्लेषण कर लिया है — अब समय है संतुलन की ओर पहला कदम बढ़ाने का।
पंचतत्त्व का त्रिदोष समाधान एक गहराई से तैयार मार्गदर्शिका है जिसमें शामिल हैं:
- त्रिदोष रिपोर्ट + घरेलू उपाय
- खानपान और योग दिनचर्या
- विशेषज्ञ परामर्श (यदि चुना जाए)
यह समाधान कई लोगों के जीवन में बदलाव ला चुका है — अब आपकी बारी है।
🌿 समाधान देखें और संतुलन शुरू करें🔷 Myth vs Fact ✅ – पढ़ाई, खानपान और याददाश्त को लेकर 5 आम भ्रांतियाँ
अब थोड़ा रुकिए —
क्या आपने भी बचपन से कुछ बातें मान रखी हैं, जो शायद अब तक आपके रास्ते की रुकावट बनी हुई हैं?
चलो सच्चाई का आईना दिखाते हैं —
Myth: हर बच्चा एक जैसा दिमाग रखता है
✅ Fact: हर बच्चा अपनी दोष प्रकृति के अनुसार अलग होता है – किसी में वात तेज़, किसी में कफ भारी।
Myth: सिर्फ च्यवनप्राश खाने से दिमाग तेज हो जाएगा
✅ Fact: जब तक आप यह नहीं जानते कि कौन-सा दोष बढ़ा है, तब तक कुछ भी असर नहीं करेगा
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Myth: पढ़ाई में आलस मतलब बच्चा मेहनती नहीं है
✅ Fact: कफ दोष बढ़ा हो तो दिमाग भारी लगता है, और पढ़ाई में मन नहीं लगता — मेहनत से कोई लेना-देना नहीं।
Myth: ज़्यादा नींद = आलस्य
✅ Fact: कई बार गलत आहार और दोष असंतुलन की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती, फिर चाहे आप 9 घंटे ही क्यों न सो लें।
Myth: फल और सब्ज़ियाँ ही काफी हैं
✅ Fact: स्मृति के लिए गाय का घी, ब्राह्मी और कुछ विशिष्ट देसी उपाय अनिवार्य हैं। ये बाजारू चीज़ें नहीं, संस्कारित पोषण हैं।
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🔷 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. मुझे कैसे पता चले कि मेरा कौन-सा दोष असंतुलित है?
👉 जवाब बहुत सीधा है – Free Tridosh Report यहाँ से लें।
बस कुछ सवालों के जवाब दीजिए और आपकी दोष प्रकृति सामने होगी।
Q2. क्या ब्राह्मी बच्चों को दी जा सकती है?
हाँ दी जा सकती है, लेकिन बच्चों के लिए मात्रा थोड़ी अलग होती है।
👉 सबसे बेहतर होगा कि किसी अनुभवकर्ता वैद्य से एक बार सलाह जरूर लें।
Q3. क्या केवल आहार से याददाश्त सुधर सकती है?
नहीं…
सिर्फ खाना बदल देने से चमत्कार नहीं होता।
👉 जब तक त्रिदोष संतुलन, नींद, ध्यान और वातावरण साथ में नहीं जुड़ते – असर अधूरा रहेगा।
Q4. कितने समय में फर्क दिख सकता है?
अगर उपाय दोष के अनुसार हो, तो 21 दिन में मन, नींद और फोकस तीनों में बदलाव नज़र आने लगता है।
लेकिन हाँ – धैर्य और नियमितता ज़रूरी है।
Q5. क्या स्कूल के बच्चों के लिए नस्य लेना सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन सभी नस्य नहीं।
👉 बच्चों के लिए खासतौर पर बनाए गए नस्य, जैसे Pranasya, पूरी तरह सुरक्षित होते हैं – बशर्ते उचित मात्रा और सही समय में लिए जाएं।
💬 इन जैसे सवालों का उत्तर रोज़ाना जानना चाहते हैं?
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यह समाधान कई लोगों के जीवन में बदलाव ला चुका है — अब आपकी बारी है।
🌿 समाधान देखें और संतुलन शुरू करें🔷 निष्कर्ष
हर माँ-बाप यही चाहते हैं —
“बच्चा होशियार बने, तेज सोचे, और हर बात याद रखे।”
लेकिन अफ़सोस…
हम ज़्यादातर समय फल-सब्ज़ियाँ बढ़ा देते हैं, या सप्लिमेंट की बोतल पकड़ाते हैं।
जबकि असली जड़ को छुआ ही नहीं जाता।
👉 असल समाधान है – दोष संतुलन।
जब तक यह नहीं समझेंगे कि शरीर में वात, पित्त या कफ किस दिशा में असंतुलित है, तब तक कोई भी उपाय पूरा असर नहीं करेगा।
गौमाता के पंचगव्य से बनी औषधियाँ आज न केवल रोगों का समाधान हैं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी हैं। हमारा ऑनलाइन पंचगव्य प्रशिक्षण आपको सिखाएगा कैसे बनाएं घरेलू औषधियाँ, साबुन, तेल, क्रीम और बहुत कुछ — सबकुछ शुद्ध, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक।
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अब जब आप जान ही चुके हैं कि —
हर बच्चा, हर युवा, और हर शरीर अपनी-अपनी प्रकृति लेकर चलता है…
और दिमाग की स्पीड सिर्फ पढ़ाई या खानपान पर नहीं, दोष संतुलन पर भी निर्भर है…
तो अब रुकने का नहीं, अगला कदम उठाने का समय है।
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Panchtatvam ब्लॉग तथा गव्यशाला के संस्थापक लेखक, पंचगव्य प्रशिक्षक और देसी जीवनशैली के प्रचारक। 🕉️ 10 वर्षों का अनुभव | 👨🎓 10,000+ प्रशिक्षित विद्यार्थी
📖 मेरा उद्देश्य है कि हर परिवार त्रिदोष और पंचतत्व को समझे और रोग से पहले संतुलन अपनाए।