हर शाम मैं टूट सा जाता था… जब तक मैंने ये 5 नियम नहीं अपनाए।
दर्द, थकान और समाधान की ओर पहला क़दम हर शाम जैसे ही सूरज ढलता है, वैसे ही मेरी ऊर्जा भी मानो बुझने लगती थी।बदन भारी, मन सुस्त, और आंखों में एक अनकहा बोझ – जैसे जीवन का रस धीरे-धीरे सूखता जा रहा हो। क्या आप भी दिन के अंत में खुद को पूरी तरह टूटा … Read more