🔍 भूमिका: योग करते हैं फिर भी राहत नहीं? कारण भीतर छिपा है
क्या आपने कभी यह सोचा है कि आप प्रतिदिन योग करते हैं, हर आसन सही ढंग से निभाते हैं, फिर भी शरीर थका-थका रहता है? माइग्रेन कभी पीछा नहीं छोड़ता, नींद अधूरी रहती है, या पेट का दर्द बार-बार परेशान करता है?
अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं।
हर तीसरा योग साधक आज इसी अदृश्य उलझन से जूझ रहा है — एक ऐसी उलझन जो आँखों से नहीं, केवल अनुभूति से समझ आती है। शरीर तो क्रियाएं कर रहा होता है, पर भीतर से संतुलन नहीं बन पा रहा।
आयुर्वेद इसे त्रिदोष असंतुलन कहता है।
वात, पित्त और कफ — ये तीनों हमारे शरीर के मूल स्तंभ हैं। यदि इनमें असंतुलन है और हम बिना इसे जाने योग करते हैं, तो योग वरदान नहीं, कभी-कभी विपरीत परिणाम भी दे सकता है।
2024 की एक विस्तृत अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ कि 65% लोग दोष के अनुसार योग न करके अपने शरीर को अनजाने में और अधिक थका रहे हैं। योग उनके लिए समाधान नहीं, एक और उलझन बन गया है।
आगे आप जानेंगे
Toggleअगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपका दोष क्या है और योग आपके लिए लाभदायक है या नहीं, तो शुरुआत यहीं से करें 👉
🔗 त्रिदोष परीक्षण करें
👉 यह भी पढ़ें- लीवर डिटॉक्स से पहले ये 1 दोष जांचना अति आवश्यक है – अन्यथा नुकसान तय है!
❤️🔥 एक सच्ची कहानी: जब योग लाभ की जगह कष्ट देने लगा
संगीता शर्मा, जयपुर की रहने वाली एक गृहिणी, पिछले दो वर्षों से प्रतिदिन सुबह 6 बजे उठकर योग करती थीं।
सूर्य नमस्कार, कपालभाति, और प्राणायाम – सबकुछ ठीक ढंग से करतीं। शुरुआत में उन्हें अच्छा लगता था, पर कुछ महीनों बाद उन्होंने महसूस किया कि सिर में भारीपन रहने लगा है, पेट फूला-फूला रहता है, और कभी-कभी चक्कर भी आते हैं।
वे डॉक्टर के पास गईं, रिपोर्ट्स सामान्य आईं। फिर उन्होंने योग बदलकर नए यूट्यूब चैनल देखे, लेकिन राहत नहीं मिली।
एक दिन उन्होंने इंटरनेट पर एक प्रश्न पढ़ा –
“क्या दोष के अनुसार योग न करने से शरीर पर गलत असर होता है?”
वहीं से उन्होंने त्रिदोष परीक्षण किया और पाया कि उनका शरीर पित्त प्रधान है।
अब उन्हें समझ आया कि जो प्राणायाम वे कर रही थीं – जैसे भस्त्रिका और उष्ण योग – वह उनके दोष के बिल्कुल विपरीत थे।
उन्होंने योगशास्त्र और आयुर्वेदिक मार्गदर्शन अनुसार अपने आसन बदले – शीतली, भ्रामरी और चंद्रभेदी को अपनाया। कुछ ही हफ्तों में उन्हें राहत मिलनी शुरू हो गई।
अब संगीता न केवल स्वयं के लिए दोषानुसार योग करती हैं, बल्कि अपने परिवार के लिए भी गव्यशाला से पंचगव्य आधारित जीवनशैली सीख रही हैं।
यह कहानी सिर्फ संगीता की नहीं — यह चेतावनी है हर उस साधक के लिए जो बिना दोष जाने योग को अपनी दिनचर्या बना चुका है।
👉 यह भी पढ़ें- सुबह उठते ही अगर आप ये 5 काम नहीं करते, तो उम्र बढ़ने लगेगी! (आयुर्वेदिक दिनचर्या का रहस्य)
आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति में तीन दोष होते हैं – वात, पित्त और कफ। इस सरल ऑनलाइन टेस्ट से जानें कि आपका प्रमुख दोष कौन सा है और उसे संतुलित कैसे रखें।
🔍 अभी दोष जांचें
🧬 त्रिदोष: आयुर्वेद के अनुसार योग क्यों हर किसी पर अलग असर करता है?
आयुर्वेद के अनुसार, हर मनुष्य की देह संरचना एक जैसी नहीं होती। कोई हल्का-फुल्का होता है, तो कोई गरम स्वभाव का, किसी को जल्दी पसीना आता है, किसी को हमेशा नींद सी आती रहती है। यह सब केवल आदतों का नहीं, शरीर के त्रिदोषों का प्रभाव होता है — वात, पित्त, और कफ।
हर व्यक्ति में ये तीनों दोष मौजूद होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा और प्रभाव अलग-अलग होता है।
उदाहरण के लिए:
- वात प्रधान व्यक्ति अधिक संवेदनशील, चिंतित और पतले होते हैं।
- पित्त प्रधान व्यक्ति तीव्र बुद्धि, गर्म स्वभाव और तेज पाचन वाले होते हैं।
- कफ प्रधान व्यक्ति स्थिर, भारी और मधुर स्वभाव के होते हैं।
तो क्या होता है जब बिना दोष जाने योग किया जाता है?
योगासन, प्राणायाम और ध्यान की विधियां हर दोष के लिए एक समान नहीं होतीं।
उचित ज्ञान न होने पर वह आसन या प्राणायाम, जो एक व्यक्ति को लाभ देता है, दूसरे के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
यदि आप योग को सही दिशा देना चाहते हैं, तो उसका आरंभ अपने दोष को जानने से करें।
👉 यह जानना चाहते हैं कि आपका दोष क्या है?
🔗 त्रिदोष परीक्षण यहाँ करें — यह आपकी योग यात्रा का सबसे पहला और सबसे ज़रूरी कदम है।
👉 यह भी पढ़ें-हर शाम मैं टूट सा जाता था… जब तक मैंने ये 5 नियम नहीं अपनाए।
इसमें मिलेगा – सुबह की दिनचर्या, नस्य प्रयोग विधि, भोजन सुधार, और घरेलू उपाय।
📥 अभी गाइड डाउनलोड करें
🔍 दोष के अनुसार योग न करने के पीछे छिपे कारण
अब जब हमने जाना कि हर शरीर की प्रकृति भिन्न होती है, तो यह समझना आवश्यक है कि दोषों के अनुसार योग का चयन न करना क्या हानि पहुंचा सकता है:
🌀 वात दोष वाले व्यक्ति:
- बहुत ज़ोरदार योग जैसे अधिक दोहराव वाले सूर्य नमस्कार या कठिन संतुलन आसन करने पर वे थकान, चक्कर या बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं।
- रात में नींद न आना, डर, चिंता और तंत्रिका तंत्र की कमजोरी बढ़ जाती है।
🔥 पित्त दोष वाले व्यक्ति:
- यदि ये लोग गर्म शरीर वाले प्राणायाम (जैसे भस्त्रिका, अग्निसार) या बहुत तीव्र योग करते हैं, तो चिड़चिड़ापन, शरीर में जलन, एसिडिटी और गुस्सा बढ़ सकता है।
- त्वचा पर दाने, सिरदर्द, पाचन बिगड़ना सामान्य परिणाम होते हैं।
💧 कफ दोष वाले व्यक्ति:
- यदि ये धीमा, भारी, आरामदायक योग ही करते रहें, तो शरीर में और अधिक आलस्य, सुस्ती, मोटापा, और नींद का वर्धन होता है।
- इन लोगों को ऊर्जावान योग की आवश्यकता होती है, न कि केवल विश्राम।
🧂 आपकी दिनचर्या, खानपान और आदतें भी दोषों को बढ़ा या घटा सकती हैं:
- रात देर तक जागना – वात दोष को बढ़ाता है
- तीखा, मसालेदार भोजन – पित्त दोष को उत्तेजित करता है
- अधिक नींद और तेलीय भोजन – कफ दोष को बढ़ाता है
अतः, योग को दोष के अनुसार न अपनाना, केवल बाहरी कसरत करना भर रह जाता है — जिससे आत्मिक और आंतरिक संतुलन नहीं आता।
👉 यह भी पढ़ें- मैंने 15 दिन तक बिना नाश्ता किए देखा क्या हुआ… नतीजे चौंकाने वाले हैं!
गौमाता के पंचगव्य से बनी औषधियाँ आज न केवल रोगों का समाधान हैं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी हैं। हमारा ऑनलाइन पंचगव्य प्रशिक्षण आपको सिखाएगा कैसे बनाएं घरेलू औषधियाँ, साबुन, तेल, क्रीम और बहुत कुछ — सबकुछ शुद्ध, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक।
🐄 अभी कोर्स देखें और परिवार को स्वस्थ बनाएंआयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति में तीन दोष होते हैं – वात, पित्त और कफ। इस सरल ऑनलाइन टेस्ट से जानें कि आपका प्रमुख दोष कौन सा है और उसे संतुलित कैसे रखें।
🔍 अभी दोष जांचें
🌿 समाधान: दोषानुसार योग और प्राणायाम का मार्ग
समस्या तब तक भटकाती है जब तक समाधान स्पष्ट न हो।
आइए, अब जानते हैं कि त्रिदोष के अनुसार योग और प्राणायाम कैसे चुना जाए — ताकि योग वास्तव में जीवन में ऊर्जा और सन्तुलन ला सके।
🌀 वात दोष के लिए योग और प्राणायाम:
- योगासन: वज्रासन, बालासन, सुखासन, शवासन
- प्राणायाम: नाड़ी शोधन, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम (धीमी गति से)
- सलाह: गर्म तिल का तेल शरीर पर मालिश करें, सुबह गुनगुना जल पिएं
🔥 पित्त दोष के लिए योग और प्राणायाम:
- योगासन: चंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, शवासन
- प्राणायाम: शीतली, शीतकारी, चंद्र भेदी
- सलाह: धूप में अधिक न रहें, ठंडी छाछ पिएं, अमलतास के फूल का अर्क उपयोग करें
💧 कफ दोष के लिए योग और प्राणायाम:
- योगासन: तेज गति के सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, हलासन
- प्राणायाम: कपालभाति, भस्त्रिका (धीरे-धीरे प्रारंभ करें)
- सलाह: सुबह जल्दी उठें, गर्म पानी से स्नान करें, पंचगव्य अर्क (जैसे गव्य तुलसी अर्क) लें
🌼 पंचगव्य आधारित जीवनशैली का लाभ:
भारत की देशी गाय से प्राप्त पंचगव्य (दूध, दही, घृत, गोमूत्र, गोबर) दोष संतुलन में अद्भुत भूमिका निभाते हैं।
- वात शमन हेतु — गोघृत व नस्य प्रयोग
- पित्त शमन हेतु — तुलसी अर्क व चंदन मिश्रित गोदुग्ध
- कफ शमन हेतु — गव्य हरिद्राक्षी, व गोमूत्र अर्क का सीमित प्रयोग
👉 यदि आप अपने दोष और पंचगव्य के सामंजस्य को सही तरीके से समझना चाहते हैं, तो
🔗 गव्यशाला का पंचगव्य प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करें।
यह केवल कोर्स नहीं, यह संपूर्ण देसी जीवनशैली की चाबी है।
👉 यह भी पढ़ें- माँ की 3 बातों ने मेरा ध्यान बढ़ा दिया – अब हर कोई पूछता है मेरा सीक्रेट
"मैं सुबह नियमित योग करती थी – सूर्य नमस्कार, तेज़ प्राणायाम, और गर्म पानी से दिन की शुरुआत। फिर भी बार-बार सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और कब्ज़ जैसी समस्याएं बनी रहती थीं। मुझे लगा शायद मेरी मेहनत कम है, और ज़ोर लगाने लगी।"
एक दिन YouTube पर मुझे Tridosh Calculator का लिंक मिला। परिणाम आया — मैं वात प्रधान हूं और जो योग मैं कर रही थी, वह वात को और अधिक बढ़ा रहा था। मतलब मेरी समस्या की जड़ वही योग था जिसे मैं समाधान मान रही थी!
फिर मैंने अपनी प्रकृति के अनुसार हल्के, स्थिर योग अपनाए — वज्रासन, ताड़ासन, और नाड़ी शोधन प्राणायाम। साथ ही मैंने Pranasya की कुछ बूंदें रोज़ सुबह लेने लगी। अब दो महीने हो गए, और मैं खुद को शांत, नियमित और ऊर्जावान महसूस करती हूं।
📘 — जब शरीर बोले, तो उसे दोष के नजरिए से सुनना ज़रूरी है।

सिरदर्द, माइग्रेन, साइनस, खर्राटे और नाक की रुकावट के लिए परिणामकारी घरेलू उपाय। केवल 7 दिन में अंतर अनुभव करें।
⭐⭐⭐⭐⭐ (12000+ संतुष्ट ग्राहक)
⏳ आज का ऑफर: ₹890 मात्र! (M.R.P ₹990)
🛒 अभी खरीदें❌✅ मिथक बनाम सत्य (Yoga Myths vs Facts)
हर शरीर अलग होता है, और त्रिदोष असंतुलन की जड़ें भी अलग-अलग हो सकती हैं। अगर आप चाहते हैं:
- 1-on-1 कंसल्टेशन किसी विशेषज्ञ से
- 15 दिन का निजी खानपान और दिनचर्या प्लान
- आपके दोष के अनुसार जड़ी-बूटी और उपाय
जब भी “योग” शब्द सुनते हैं, तो हमारे मन में कई ऐसी बातें बैठी होती हैं जो वर्षों से सुनी गई हैं — लेकिन क्या वे सब सही हैं?
यहाँ हम कुछ आम मिथकों को तोड़कर उनके पीछे छिपा सच समझेंगे:
🧠 मिथक | ✅ सत्य |
“योग सभी के लिए एक जैसा होता है” | हर व्यक्ति की शरीर-प्रकृति (वात, पित्त, कफ) अलग होती है। एक आसन किसी के लिए अमृत हो सकता है, तो दूसरे के लिए विष समान। |
“अधिक पसीना बहाना ही योग का लक्ष्य है” | पसीना आना ऊर्जा के व्यय का संकेत है, न कि संतुलन का। कुछ दोषों (विशेषकर वात और पित्त) में यह और हानि पहुंचा सकता है। |
“योग हमेशा लाभकारी होता है” | दोष असंतुलन होने पर योग उल्टा असर कर सकता है — सिरदर्द, चक्कर, थकान, बेचैनी और अनिद्रा जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। |
“योग करना मतलब कठिन आसनों में निपुण होना” | योग का मूल लक्ष्य स्वस्थ्य और संतुलन है, न कि दिखावा या प्रदर्शन। |
याद रखें:
योग तभी फलदायी होता है जब यह आपके शरीर, स्वभाव और दोष के अनुसार किया जाए।
👉 यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके लिए कौन-सा योग सही है, तो सबसे पहले यह जांचें कि आपका दोष क्या है:
🔗 त्रिदोष परीक्षण करें
।
👉 यह भी पढ़ें- हर 5 मिनट में फोन चेक करने की लत? मैं भी ऐसे ही था, फिर ये 5 नियम ज़िंदगी बदल गए!
🙋♂️ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
आपने अपने दोष का विश्लेषण कर लिया है — अब समय है संतुलन की ओर पहला कदम बढ़ाने का।
पंचतत्त्व का त्रिदोष समाधान एक गहराई से तैयार मार्गदर्शिका है जिसमें शामिल हैं:
- त्रिदोष रिपोर्ट + घरेलू उपाय
- खानपान और योग दिनचर्या
- विशेषज्ञ परामर्श (यदि चुना जाए)
1. क्या योग सभी के लिए एक जैसा होता है?
उत्तर: नहीं। हर व्यक्ति की दोष प्रकृति अलग होती है। योग का प्रभाव भी उसी के अनुसार होता है।
2. मुझे किस समय योग करना चाहिए?
उत्तर: प्रातः ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4:30 से 6:00) सर्वोत्तम समय है, लेकिन यदि यह संभव न हो तो भोजन के 3 घंटे बाद भी योग किया जा सकता है।
3. योग से थकावट क्यों महसूस होती है?
उत्तर: यदि आप अपने दोष के विपरीत योग या प्राणायाम कर रहे हैं तो यह ऊर्जा बढ़ाने के बजाय शरीर को थका सकता है।
👉 समाधान: त्रिदोष परीक्षण करें
4. क्या त्रिदोष जानना योग से पहले ज़रूरी है? ✅
उत्तर: बिल्कुल। दोष को जाने बिना किया गया योग एक अंधेरे में तीर चलाने जैसा है।
👉 जानें अपना दोष: त्रिदोष परीक्षण करें
5. दोष का पता चलने के बाद मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर: दोष संतुलन हेतु उचित योग, आहार, औषध और जीवनशैली अपनाना चाहिए।
👉 इसके लिए तैयार समाधान पैकेज देखें:
🔗 त्रिदोष समाधान पैकेज
6. अगर मैं त्रिदोष से जुड़ी चिकित्सा चाहता हूँ तो क्या करें?
उत्तर: आप हमारे विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।
👉 परामर्श हेतु यहाँ जाएँ:
🔗 परामर्श लें
7. क्या मुझे नियमित जानकारी मिल सकती है?
उत्तर: हाँ, हम स्वास्थ्य, योग, आयुर्वेद व दोष संतुलन से संबंधित सामग्री साझा करते रहते हैं।
👉 जुड़ें हमारे व्हाट्सएप समुदाय से:
🔗 WhatsApp समूह
💬 इन जैसे सवालों का उत्तर रोज़ाना जानना चाहते हैं?
तो जुड़िए हमारे समुदाय से, जहाँ पाचन, नींद और शरीर संतुलन से जुड़ी हर समस्या का समाधान मिलता है।
👉 यहाँ क्लिक करके WhatsApp समूह से जुड़ें
(स्थान सीमित हैं, आज ही जुड़ें।)
👉 यह भी पढ़ें- माँ की 3 बातों ने मेरा ध्यान बढ़ा दिया – अब हर कोई पूछता है मेरा सीक्रेट
आयुर्वेदिक परामर्श से जीवन में बदलाव लाएं 🌿"हमने जबसे आयुर्वेदिक मार्गदर्शन लेना शुरू किया, तबसे न सिर्फ हमारी दिनचर्या सुधरी, बल्कि पुरानी थकान और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी गायब हो गईं। ये परामर्श हमारी जीवनशैली को समझकर व्यक्तिगत समाधान देता है।"
🧘♂️ निष्कर्ष: योग तभी असर करता है जब शरीर तैयार हो
आपने अपने दोष का विश्लेषण कर लिया है — अब समय है संतुलन की ओर पहला कदम बढ़ाने का।
पंचतत्त्व का त्रिदोष समाधान एक गहराई से तैयार मार्गदर्शिका है जिसमें शामिल हैं:
- त्रिदोष रिपोर्ट + घरेलू उपाय
- खानपान और योग दिनचर्या
- विशेषज्ञ परामर्श (यदि चुना जाए)
योग केवल शरीर को मोड़ने या पसीना बहाने का नाम नहीं है, यह एक जीवनशैली है — आत्मा, मन और शरीर के संतुलन का विज्ञान।
लेकिन यदि शरीर के भीतर की प्रकृति — अर्थात वात, पित्त और कफ दोष — असंतुलित हो और फिर भी योग बिना ज्ञान के किया जाए, तो यह योग लाभ के बजाय हानिकारक भी हो सकता है।
हर व्यक्ति का शरीर एक जैसे अभ्यास का उत्तर समान रूप से नहीं देता।
कोई योग से ऊर्जावान महसूस करता है, तो किसी को सिरदर्द या थकान घेर लेती है। इसका कारण है — अज्ञानता, दोषों का अनदेखा किया जाना।
👉 जब आप अपने दोष को जान लेते हैं, तो:
- आप सही आसन चुनते हैं
- शरीर की भाषा को समझते हैं
- प्राणायाम और ध्यान की दिशा तय करते हैं
- और तभी योग वास्तव में आपको नवजीवन देता है।
दोष का ज्ञान = सही आसन + सही परिणाम
इसलिए योग की यात्रा का पहला कदम है — स्वयं को जानना।
🔗 अभी त्रिदोष परीक्षण करें —
और अपने योग को भीतर से सशक्त बनाएं।
👉 यह भी पढ़ें- हर शाम मैं टूट सा जाता था… जब तक मैंने ये 5 नियम नहीं अपनाए।
गौमाता के पंचगव्य से बनी औषधियाँ आज न केवल रोगों का समाधान हैं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी हैं। हमारा ऑनलाइन पंचगव्य प्रशिक्षण आपको सिखाएगा कैसे बनाएं घरेलू औषधियाँ, साबुन, तेल, क्रीम और बहुत कुछ — सबकुछ शुद्ध, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक।
🐄 अभी कोर्स देखें और परिवार को स्वस्थ बनाएं📌 क्या करें अब?
अब जबकि आपने जाना कि त्रिदोष का शरीर पर, योग पर और संपूर्ण जीवन पर क्या प्रभाव होता है — अगला कदम है कार्यवाही करना। नीचे दिए गए विकल्पों में से अपनी स्थिति अनुसार आगे बढ़ें:
🔹 1. सबसे पहले करें त्रिदोष परीक्षण
अपने दोष को जानने के लिए यह पहला और सबसे ज़रूरी कदम है:
👉 त्रिदोष परीक्षण करें
🔹 2. समस्या गंभीर हो या पुरानी हो तो विशेषज्ञ से परामर्श लें
यदि आप लंबे समय से किसी रोग, असंतुलन या भ्रम से जूझ रहे हैं, तो हमारे अनुभवी आयुर्वेदाचार्यों से परामर्श लें:
👉 यहाँ क्लिक करें
🔹 3. दोष के अनुसार बना संपूर्ण समाधान पैकेज अपनाएँ
त्रिदोष जानने के बाद अगला कदम है संतुलन — वह भी उचित दिनचर्या, औषध, योग और आहार से।
👉 त्रिदोष समाधान पैकेज देखें
🔹 4. पंचगव्य आधारित देसी जीवनशैली सीखें (कोर्स हेतु)
यदि आप घर पर रहकर ही दोष, पंचतत्व और आयुर्वेद की गहराई से समझ चाहते हैं — तो गव्यशाला का प्रशिक्षण आपके लिए है:
👉 गव्यशाला पंचगव्य कोर्स
🔹 5. विशेष समस्याओं के लिए विशेष समाधान
- खर्राटे, नींद और मानसिक ऊर्जा में कमी के लिए:
📘 Snoring eBook - इंद्रियों की शक्ति, श्वसन और स्पष्टता के लिए:
🌿 Pranasya Formula
🔹 6. हमेशा जुड़े रहें – हमारी व्हाट्सएप समुदाय में
यदि आप चाहते हैं कि ऐसी उपयोगी जानकारियां, अपडेट, और जीवनशैली के टिप्स आपको समय-समय पर मिलते रहें —
तो आज ही हमारे व्हाट्सएप समुदाय से जुड़ें:
👉 WhatsApp समूह लिंक
अब जब जानकारी है — तो कार्य करना ज़िम्मेदारी है।
शुरुआत करें स्वयं को जानकर, क्योंकि सही योग वहीं से शुरू होता है।
🌿 आपका स्वास्थ्य, आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
हम हर दिन आपके लिए लाते हैं घरेलू नुस्खे, आयुर्वेदिक सुझाव और निःशुल्क परामर्श, वह भी सीधे आपके WhatsApp पर।
यदि आप सरदर्द, माइग्रेन, खर्राटे, साइनस, नींद, पाचन या अन्य किसी स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं, तो यह कम्युनिटी आपके लिए है।
👥 अभी कम्युनिटी जॉइन करें

Panchtatvam ब्लॉग तथा गव्यशाला के संस्थापक लेखक, पंचगव्य प्रशिक्षक और देसी जीवनशैली के प्रचारक। 🕉️ 10 वर्षों का अनुभव | 👨🎓 10,000+ प्रशिक्षित विद्यार्थी
📖 मेरा उद्देश्य है कि हर परिवार त्रिदोष और पंचतत्व को समझे और रोग से पहले संतुलन अपनाए।