ब्रह्ममुहूर्त = सुबह 3:30 से 4:30 के बीच का वो समय जब प्रकृति पूरी तरह शांत होती है।

आयुर्वेद और योग के अनुसार, यह समय शरीर, मन और आत्मा को जागृत करने का सबसे उत्तम समय है। 

सिर्फ संत-महात्मा ही नहीं, दुनिया के महान वैज्ञानिक और लीडर्स भी इसी समय में जागते थे। 

ब्रह्ममुहूर्त में मन शांत होता है, ध्यान और पढ़ाई सबसे प्रभावी होती है।

इस समय प्राणवायु (Oxygen) सबसे शुद्ध होती है, जो मस्तिष्क को तीव्र बनाती है।

ब्रह्ममुहूर्त में उठना शरीर की जैविक घड़ी से भी मेल खाता है –शरीर खुद रिपेयर मोड में होता है। 

इस समय की गई साधना, प्रार्थना या संकल्प 10 गुना अधिक प्रभावशाली मानी जाती है।

गलतफहमी: “ये सिर्फ साधु-संतों के लिए है।” सच: हर इंसान इसको अपनाकर खुद में चमत्कार ला सकता है। 

हर दिन 1 घंटा पहले उठना आपके जीवन में clarity, ऊर्जा और अनुशासन ला सकता है। 

क्या आपने कभी ब्रह्ममुहूर्त की शांति को महसूस किया है? 

अगर नहीं, तो आज ही जानिए — कैसे हर सुबह को बना सकते हैं दिव्य, ऊर्जावान और फोकस्ड।  हमारे ब्लॉग में पढ़ें: